Old Coins Bazaar

Business Idea : आज ही शुरु करें ये बिजनेस, हर महीने कमाएं 25 लाख तक रुपये

अगर आप भी बिजनेस करना चाहते है तो आपको इस खबर को आखिर तक जरुर पढ़ना चाहिए। इस बिजनेस को शुरु करने के लिए आपकों बस 2 महीने की ट्रेनिंग लेनी होगी और आप 25 लाख रुपये प्रतिमाह तक इससे कमा सकते हो। 
 | 
BUSSINES

Old Coins Bazaar, New Delhi: महाराष्ट्र का जलगांव जिला केले की खेती (Banana Cultivation) के लिए प्रसिद्ध है. अधिकांश किसान केले की फसल की खेती करते हैं.केले में जिंक की कमी (Zinc Deficiency) तब पाई जाती है जब यह जिंक की कमी वाली मिट्टी में उगता है.

केले के पौधों में इस कमी को देखते हुए जलगांव जिले के रहने वाले सुमित किशोर संघवी ने माइक्रो-न्यूट्रिएंट्स मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाई. आज वो इस बिजनेस से सालाना 25 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई कर रहे हैं.

ऐसे मिला बिजनेस आइडिया-

सुमित का कहना है कि जिंक डेफिशिएंसी की वजह से केले की पत्तियां संकरी हो जाती है, जिनमें सेकेंड्री विंस के बीच पीली से सफेद धारियां होती है. उन्होंने कहा, गंभीर रूप से प्रभावित पौधों में फलों का विकास धीमा होता है. 

गुच्छा अपेक्षाकृत लंबी अवधि के लिए पीला होता है. जिंक की कमी और अन्य तत्वों को दूर करने के लिए, उसने माइक्रो न्यूट्रिएंट्स की मैन्युफैक्चरिंग शुरू की. सुमित किशोर संघवी कृषि में स्नातक हैं.

2 महीने की ट्रेनिंग ने बदली जिंदगी-

सुमित ने माइक्रो-न्यूट्रिएंट्स मैन्युफैक्चरिंग यूनिट शुरू करने से पहले एग्रीप्रेन्योर स्किल हासिल करने के कृष्णा वैली एडवांस्ड एग्रीकल्चर फाउंडेशन से 2 महीने की ट्रेनिंग ली.

15 लाख रुपये के निवेश से बिजनेस शुरू-

मैनेज के मुताबिक, माइक्रो-न्यूट्रिएंट्स मैन्युफैक्चरिंग यूनिट शुरू करने के लिए सुमित ने अपनी जेब से 15 लाख रुपये का निवेश किया. उन्होंने जलगांव जिले के पचोरा गांव में रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D) प्रयोगशाला स्थापित किया. 

सुमित ने चार प्रशिक्षित व्यक्तियों की मदद से 10 बायो-फर्टिलाइजर और माइक्रो-न्यूट्रिएंट्स की मैन्युफैक्चरिंग शुरू किया. मार्केटिंग के लिए सुमित किशोर संघवी ने जलगांव जिले के केला उत्पादक क्षेत्रों में 50 खुदरा विक्रेताओं के साथ भागीदारी की.

कंसल्टेंसी के साथ किसानों को सीधे बिक्री उत्पादों को बढ़ावा देने का भी अभ्यास किया गया.

सालाना 25 लाख करोड़ की कमाई-

सुमित बायो-फर्टिलाइजर और माइक्रो-न्यूट्रिएंट्स मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस से मोटी कमाई कर रहे हैं. वो 20 गांवों के 400 किसानों को अपनी सर्विस दे रहे हैं और उन्होंने 4 लोगों को रोजगार भी दिया है. उनके कारोबार का सालाना टर्नओवर 25 लाख रुपये है.