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Indian Railways: क्या आप जानते है भारत का पहला प्राइवेट रेलवे स्टेशन?

देश के लगभग सभी राज्यों में रेलवे स्टेशन है। लेकिन क्या आप जानते है कि भारत में एक ऐसा रेलवे स्टेशन है जो पूरी तरह से प्राइवेट है। इस रेलवे स्टेशन के बारे में बहुत कम लोग जानते है।
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Old Coins Bazaar, New Delhi: रेलवे भारत की जीवन रेखा है। जितनी आस्ट्रेलिया महादेश की जनसंख्या है, उतने लोग तो हर रोज भारतीय रेल के ट्रेनों से यात्रा करते हैं।

इसके पास 7,000 से भी ज्यादा रेलवे स्टेशन हैं। पर एक को छोड़ कर सभी स्टेशन सरकार के हैं। इस समय देश में मात्र एक स्टेशन ही प्राइवेट है। आप जानते हैं कि देश का पहला प्राइवेट रेलवे स्टेशन कौन-सा है।

रेलवे इन दिनों खूब चर्चा में है। चर्चा में रहने की वजह ओडिशा में हुआ कोरोमंडल एक्सप्रेस हादसा (Coromandel Express Accident) है। इसमें 280 से भी ज्यादा लोगों की जान चली गई है।

इस हादसे के बाद भी रेलगाड़ियों से हर रोज करोड़ों लोग इससे यात्रा करते हैं। दरअसल, रेलगाड़ी यात्रा की सबसे सस्ती और भरोसेमंद सुविधा है। दुनिया के कई देशों में में रेलवे प्राइवेट कंपनी के हाथों में है।

लेकिन भारत में यह अभी तक सरकारी है। हालांकि धीरे धीरे इसमें भी प्रावइेट को बढ़ावा दिया जा रहा है। एक स्टेशन का प्राइवेटाइजेशन भी किया जा चुका है। आज इसी स्टेशन के बारे में आपको बता रहे हैं।

कौन डेवलप करवा रहा है प्राइवेट स्टेशनों को

रेल मंत्रालय के दो पीएसयू IRCON and RLDA ने मिल कर Indian Railway Stations Development Corporation (IRSDC) का गठन किया है। इसी संगठन ने मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित हबीबगंज रेलवे स्टेशन को रिडेवलपमेंट के लिए दिया है। 

इस रेलवे स्टेशन को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) फार्मूले पर अंतरराष्ट्रीय स्तर के रेलवे स्टेशन के रूप में विकसित किया गया है। इसे जर्मनी के Heidelberg रेलवे स्टेशन के तर्ज पर विकसित किया गया है।

कौन है इस स्टेशन का डेवलपर

इंडियन रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट कारपोरेशन ने हबीबगंज रेलवे स्टेशन के रिडेवलपमेंट के लए एक Developer Consortium का चयन किया है। इस कंसोर्टियम में M/s Bansal Construction Works Pvt. Ltd. लीड मेंबर के रूप में शामिल है।

इसके साथ ही कंसोर्टियम मेंबर के रूप में M/s Prakash Asphaltings & Toll Highways (India) Ltd. शामिल है।

कितने साल की लीज पर मिला है

हबीबगंज रेलवे स्टेशन पर जो कामर्शियल डेवलपमेंट हुआ है, उसका लीज पीरियड 45 साल के लिए है। इसके साथ ही रेलवे स्टेशन का ऑपरेशन एंड मेंटनेंस भी इस समय प्राइवेट पार्टी के पास ही है।

इसकी अविध कुल आठ साल की है। इनमें तीन साल की कंस्ट्रक्शन अवधि और पांच साल की बाद की अवधि शामिल है।

आठ रेलवे स्टेशनों का हो रहा है रिडेवलपमेंट

इंडियन रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट कारपोरेशन इस समय आठ रेलवे स्टेशनों का रिडेवलपमेंट कर रहा है। इनमें चंडीगढ़, भोपाल के पास हबीबगंज, पुणे के पास शिवाजीनगर, नई दिल्ली के पास बिजवासन, नई दिल्ली के पास ही आनंद विहार, गुजरात का सूरत, पंजाब का एसएएस नगर (मोहाली) और गुजरात का गांधीनगर शामिल है।

इन स्टेशनों पर क्या मिलेगी सुविधा

प्रावइेट स्टेशनों पर वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन जैसी सुविधा मिलने का दावा किया गया है। इनमें रेस्तरां, शॉपिंग स्टोर, केटरिंग शॉप व पार्किंग शामिल है। इसके अलावा महिला यात्रियों के लिए अलग से कुछ अन्य सुविधाओं का भी जिक्र है।

इन स्टेशनों पर नवीकरणीय ऊर्जा पर जोर दिया गया है। साथ ही इन स्टेशनों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग की भी विशेष व्यवस्था होगी।

हबीबगंज का अब बदल गया है नाम

हबीबगंज रेलवे स्टेशन का जब रिडेवलपमेंट वर्क पूरा हो गया तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2021 में इसका उद‌घाटन किया था। उसी समय हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति रेलवे स्टेशन कर दिया गया है।

रानी कमलापति एक गोंड रानी थीं, जिनका विवाह गिन्नोरगढ़ के राजा निजाम शाह के साथ हुआ था। वह निजाम शाह की 7 पत्नियों में से एक थी।