Success Story: छोटे से गांव की लड़की बनी IPS Officer, संघर्ष से ले प्रेरणा

Old Coins Bazaar, New Delhi: ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने और अंग्रेजी में हाथ तंग होने के चलते कई युवा निराश हो जाते हैं. लेकिन मेहनत करके ऐसी मुश्किलों पर काबू पाया जा जा सकता है. आईएएस अफसर(IAS officer) भी बनना मुश्किल नहीं है. आज आपकी मुलाकात एक ऐसी ही शख्सियत से कराने वाले हैं. इनका नाम है आईएएस सुरभि गौतम(IAS Surabhi Gautam). सुरभि की यात्रा मध्य प्रदेश के एक छोटे गांव से शुरू हुई. उन्होंने टाटा कंपनी (Tata Company)में नौकरी की और फिर उसे छोड़कर आईएएस अफसर(IAS officer) बनीं.
आईएएस (IAS)अफसर सुरभि गौतम मध्य प्रदेश के सतना जिले के अमदरा गांव की रहने वाली हैं. उनकी स्कूल लेवल की पढ़ाई-लिखाई गांव के ही स्कूल से हुई. 10वीं के बोर्ड एग्जाम में 93.4% नंबर हासिल किया. गणित में तो 100 में 100 नंबर थे. उनका नाम स्टेट की मेरिट लिस्ट में आया था.
सुरभि गौतम के 12वीं में इसके बावजूद काफी अच्छे मार्क्स आए कि वह रूमेटिक बुखार से गंभीर रूप से पीड़ित थीं. उन्हें हर 15 दिन में गांव से 150 किलोमीटर दूर जबलपुर इलाज के लिए जाना पड़ता था. उन्होंने इन सब के बाद भी हर नहीं माना.
अंग्रेजी को लेकर बना मजाक
12वीं के बाद उन्होंने एमपी(MP news) की राज्य इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा पास करके भोपाल के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में दाखिला लिया. यहां उन्हें कमजोर अंग्रेजी भाषा के चलते कई बार मजाक उड़ाए जाने का सामना करना पड़ा. लेकिन वह इससे निराश नहीं हुईं. इसकी बजाए अंग्रेजी भाषा पर पकड़ सुधारने का निश्चय किया. उन्होंने खुद से ही अंग्रेजी में बात करना शुरू किया. हर दिन अंग्रेजी के कम से कम 10 शब्दों के मतलब सीखे. साथ में इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी जी जान से की. नतीजन ग्रेजुएशन के पहले सेमेस्टर में टॉप किया और कॉलेज चांसलर अवार्ड भी मिला.
इंजीनियरिंग (Engineering)कॉलेज से पास आउट होते ही सुरभि की जॉब टीसीएस में लग गई. लेकिन उनका ख्वाब तो आईएएस बनने का था. इसलिए उन्होंने कुछ दिन बाद ही जॉब छोड़ दी. इसके बाद वह कई प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल हुईं. जिसमें इसरो, बार्क, एमपीपीएससी, SAIL, FCI, एसएससी और दिल्ली पुलिस आदि शामिल हैं.
2013 में बनीं यूपीएससी टॉपर(UPSC topper)
सुरभि ने भिन्न-भिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ यूपीएससी(UPSC) की तैयारी जारी रखा था. आखिरकार साल 2013 में उन्होंने यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम ऑल इंडिया 50वीं रैंक के साथ क्लीयर कर लिया. इस तरह उन्होंने आईएएस(IAS) बनने का अपना ख्वाब पूरा कर लिया.