Old Coins Bazaar

UP के इस एयरपोर्ट के लिए 14 गांवों की 2053 हेक्टेयर जमीन होगी एक्वायर, जारी हुआ आदेश

UP Airport News : उत्तर प्रदेश के नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है जिसमें 14 गांव की जमीनों को दो चरणों में अधिकरण किया जाएगा चलिए जानते हैं पूरी खबर को विस्तार से.
 | 
UP के इस एयरपोर्ट के लिए 14 गांवों की 2053 हेक्टेयर जमीन होगी एक्वायर

Old Coins Bazaar, Digital Desk Delhi जेवर एयरपोर्ट के तीसरे और चौथे चरण के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया एक साथ शुरू कर दी गई है। 14 गांवों की 2053 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा।

इसमें तीन रनवे बनेंगे। सबसे पहले भूमि अर्जन, पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन में उचित मुआवजा के लिए सामाजिक समाघात निर्धारण (एसआईए) किया जाएगा। एसआईए का काम जीबीयू 30 अगस्त तक पूरा करेगा।

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर परियोजना के लिए चार चरणों में जमीन खरीदने की योजना थी। पहले चरण में 1334 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण हुआ।

दूसरे चरण के लिए 1365 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। अब तीसरे और चौथे चरण के लिए एक साथ 2053 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। प्रदेश सरकार ने इसके लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।

नागरिक उड्डयन विभाग के प्रमुख सचिव एसपी गोयल ने सोशल इंपैक्ट असेसमेंट (एसआईए) के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। इसमें प्रभावित किसानों से बात करके भूमि अर्जन, पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन और मुआवजे के बारे में बताया जाता है।

इस अध्ययन के लिए गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय (जीबीयू) का चयन किया गया है। इसके पहले दो चरणों के लिए एसआईए जीबीयू ने ही किया है। 30 अगस्त तक यह काम पूरा करना होगा।

पूरी हो जाएगी एविएशन हब की जमीन 14 गांवों की 2053 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होना है। इसमें करीब 1888 हेक्टेयर जमीन किसानों की है। करीब 165 हेक्टेयर जमीन सरकारी है।

इस जमीन पर तीन रनवे बनाए जाने हैं। इस जमीन अधिग्रहण और विस्थापन में करीब 15000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इस खरीद के बाद यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में एविएशन हब के लिए तय की पूरी जमीन नागरिक उड‘डयन विभाग के पास आ जाएगी।

इस तरह मूर्त रूप लेगी परियोजना जेवर एयरपोर्ट देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। यह परियोजना 2070 तक यात्रियों का बोझ उठा सकेगी।

तब एयरपोर्ट की क्षमता सालाना 22.5 करोड़ यात्रियों की हो जाएगी। जेवर एयरपोर्ट का पहला चरण 1334 हेक्टेयर में बनाया जा रहा है। पहले चरण में करीब 30 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें दो रनवे बनेंगे। 

अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार रनवे, टर्मिनल बिल्डिंग और एटीसी बिल्डिंग का निर्माण कार्य चल रहा है। दूसरे चरण के लिए जिला प्रशासन जमीन अधिग्रहण कर रहा है।

1365 हेक्टेयर जमीन के लिए किसानों को मुआवजा दिया जा रहा है। इसमें एक रनवे और एमआरओ हब विकसित किया जाएगा। अधिग्रहीत की जाने वाली 2053 हेक्टेयर जमीन में तीन रनवे बनाए जाएंगे।

टेंडर जल्द निकलेंगे-

दूसरे चरण की 1365 हेक्टेयर जमीन पर एमआरओ (मेंटीनेंस, रिपेयरिंग एंड ओवरहालिंग) हब विकसित होगा। यह देश का सबसे बड़ा एमआरओ हब होगा। इसके विकास के लिए बहुत जल्द कंपनी का चयन होगा।

इसके लिए टेंडर निकालेंगे। यहां पर एविएशन हब भी विकसित होगा। विमान इंजनों के पाट‘र्स भी बनने लगेंगे। विमान की मशीनरी बनाने वाली बड़ी कंपनियों को यहां पर लाने की योजना है। यहां विमानों की मरम्मत से लेकर उनके पाट‘र्स तक बनाने का काम होगा।

यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने कहा कि जेवर एयरपोर्ट के दूसरे और तीसरे चरण की 2053 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण के लिए एसआईए 30 अगस्त तक हो जाएगा। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय एसआईए करेगा। इसमें तीन रनवे बनेंगे। 

इन गांवों की जमीन ली जाएगी

गांव का नाम -   जमीन हेक्टेयर में
थोरा- 583.6897

नीमका- शाहजहांपुर 301.3150

ख्वाजपुर- 272.8575

रामनेर- 213.9200

किशोरपुर- 95.8663

बनवारीबास- 84.4336

पारोही- 83.1226

मुकीमपुर सिवारा- 74.2800

जेवर बांगर- 63.8221

साबौता मुस्तफाबाद- 51.7680

अहमदपुर चौरौली- 28.3880

दयानतपुर- 13.3030

बंकापुर- 11.8989

रोही- 10.2441

किस वर्ष कितने यात्री सफर करेंगे (मिलियन में )

वर्ष  यात्री
2030- 12
2032- 20
2036- 50
2040- 72
2042- 100
2049- 140
2060- 190
2070- 225

चरण-जमीन (हेक्टेयर में) जमीन देने वाले गांव-

पहला- 1334 06
दूसरा- 1365 06
तीसरा-चौथा 2053 14