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हरियाणा में चलाई जाएगी देश की पहली हाइड्रोजन ट्रैन, 1275 स्टेशनों की बदलेगी तस्वीर, जानें

भारतीय रेलवे मंत्री अश्वनी वैष्णव ने कुछ दिन पहले देश में 35 हाइड्रोजन ट्रेन चलाने का फैसला लिया था. जिसमें पहली बार रेलवे मंत्री ने हरियाणा के सोनीपत और जींद जिले के बीच चलाने का ऐलान किया है चलिए जानते हैं. कब से शुरू होगी यह हाइड्रोजन ट्रेन....
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हरियाणा में चलाई जाएगी देश की पहली हाइड्रोजन ट्रैन

Old Coins Bazaar, Digital Desk Haryana : भारत में सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत का आगाज हो चुका है और बुलेट ट्रेन पर काम जारी है. अब आने वाले दिनों में हाइड्रोजन ट्रेन का परिचालन भी शुरू हो जाएगा.

जर्मनी और चीन के बाद अब ‘मेक इन इंडिया’ योजना के तहत भारत में भी हाइड्रोजन ट्रेनें शुरू की जाएंगी. संभावना है कि दिसंबर 2023 तक ये ट्रेनें यात्रियों के लिए उपलब्ध हों.

इससे पहले रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि एक हाइड्रोजन ट्रेन तैयार है. खास बात है कि यह ट्रेन पर्यावरण के अनुकूल होगी और कार्बन का उत्सर्जन बिल्कुल भी नहीं करेगी. लेकिन, इस ट्रेन को चलाने में डीजल इंजन से 27 फीसदी अधिक खर्च आएगा।

आपको बता दें कि इन्हीं ट्रेनों को वंदे मेट्रो के नाम से जाना जाएगा.

हाइड्रोजन ट्रेनों की रफ्तार 160 किलोमीटर प्रति घंटा तक जा सकती है. हालांकि, भारत में पटरियां इतनी स्पीड नहीं झेल सकती है इसलिए इन्हें कुछ कम गति पर चलाया जाएगा।

अश्विनी वैष्णव ने बताया कि हरियाणा में सबसे पहले इसका ट्रायल रन किया जाएगा. यह ट्रायल रन सोनीपत और जींद के बीच होगा।

स्टेशनों का भी होगा कायाकल्प

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि भारतीय रेलवे उत्तर रेलवे कार्यशाला में हाइड्रोजन ईंधन आधारित ट्रेन का प्रोटोटाइप बना रहा है.

उन्होंने यह भी बताया कि इन ट्रेनों को कोई क्षति न पहुंचे इसके लिए 1275 स्टेशनों का कायाकल्प भी किया जाना है. आपको बता दें कि इस बार के बजट में केंद्र सरकार ने भारतीय रेलवे के लिए 2.41 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।

कहां-कहां चलाई जाएंगी

सबसे पहले इन ट्रेनों को हैरिटेज रूट पर चलाने की योजना है. मसलन, दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे, नीलगिरि माउंटेन रेलवे, कालका शिमला रेलवा वाई, कांगड़ा घाटी और मारवाड़-देवगढ़ मडरिया जैसे रूट पर इनका परिचालन शुरू किया जा सकता है.

ये ट्रेनें वायु प्रदूषण तो कम करती हैं, साथ ही आवाज भी बहुत कम करती हैं जिससे ध्वनि प्रदूषण से भी लड़ने में मदद होती है. इसके अलावा हाइड्रोजन को नेचुरल तरीके से बनाया जा सकता है।