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Farming: इस फसल की खेती कर किसान कमा सकते हैं लाखों रुपए, सरकार दे रही है 50% सब्सिडी

बिहार सरकार के द्वारा उद्यानिक फसल योजना के तहत मगही पान की खेती करने वाले किसानों को सब्सिडी देने का निर्णय लिया है. उद्यान निदेशालय प्रदेश में सिकुड़ते मगही पान के रकबे को बढ़ाना चाहता है.

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बिहार सरकार के द्वारा उद्यानिक फसल योजना के तहत मगही पान की खेती करने वाले किसानों को सब्सिडी देने का निर्णय लिया है. उद्यान निदेशालय प्रदेश में सिकुड़ते मगही पान के रकबे को बढ़ाना चाहता है.

Old Coin Bazaar, Digital Desk, Delhi: पान का नाम सुनते ही हर किसी के जेहन में सबसे पहले बनारस का पान उभर कर सामने आता है. लोगों को लगता है कि पान की खेती सिर्फ बनारस में ही होती है, लेकिन ऐसी बात नहीं है.

बिहार के मगध क्षेत्र में भी किसान बड़े पैमाने पर पान की फार्मिंग करते हैं. इसे मगही पान के नाम से पूरे देश में जाना जाता है. राजधानी पटना से सटे नवादा, नालंदा, गया और औरंगाबाद जिले में किसान मगही पान की खेती करते हैं.

लेकिन अब धीरे- धीरे इसका रकबा सिकुड़ता जा रहा है. ऐसे में बिहार की महागठबंधन की सरकार ने मगही पान की खेती करने के लिए फार्मर्स को अनुदान देने का फैसला किया है.

बिहार सरकार के उद्यान निदेशालय ने विशेष उद्यानिक फसल योजना के तहत मगही पान की खेती करने वाले किसानों को सब्सिडी देने का निर्णय लिया है.

 

उद्यान निदेशालय प्रदेश में सिकुड़ते मगही पान के रकबे को बढ़ाना चाहता है. इसके लिए वह पान की खेती करने वाले किसानों को 50% सब्सिडी दे रही है. अगर मगही पान की खेती करने वाले किसान भाई सब्सिडी का लाभ उठाना चाहते हैं, तो उद्यान निदेशालय के आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं.

70500 रुपये की इकाई लागत पर 50 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी

उद्यान निदेशालय ने मगही पान की खेती के लिए इकाई लागत 70500 रुपये निर्धारित की है. खास बात यह है कि 300 वर्गमीटर में मगही पान की खेती के लिए यह इकाई लागत तय की गई है.

अगर किसान भाई 300 वर्गमीटर में मगही पान की खेती करते हैं, तो उन्हें सरकार की तरफ से 70500 रुपये की इकाई लागत पर 50 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी.

यानी कि किसानों को 35250 रुपये फ्री में दिए जाएंगे. खास बात यह है कि इस योजना का लाभ सिर्फ नालंदा, गया औरंगाबाग और नवादा जिले के किसान ही उठा सकते हैं, क्योंकि सरकार ने सिर्फ इन जिले के किसानों के लिए सब्सिडी देने का फैसला किया है.

पहले 600 से 700 किसान मगही पान की खेती से जुड़े हुए थे

बता दें कि गया जिले में अभी सिर्फ 200 किसान ही मगही पान की खेती कर रहे हैं, जबकि पहले इनकी संख्या काफी अधिक थी. पहले जिले के आमस, गुरारू , गुरुआ और वजीरगंज प्रखंड में किसान काफी संख्या में मगही पान की खेती से जुड़े हुए थे. पहले जिले में करीब 25 से 30 एकड़ में मगही पान की फार्मिंग होती थी. तब 600 से 700 किसान मगही पान की खेती से जुड़े हुए थे.