HDFC-HDFC Bank Merger: HDFC बैंक ग्राहक हो जाएं अलर्ट, बैंक मर्ज के बाद होम लोन, पर्सनल लोन और FD पर पड़ेगा ये असर

Old Coin Bazaar, Digital Desk, Delhi: HDFC Bank और HDFC Limited के मर्जर की तारीख नजदीक है. इस विलय का ऐलान कर दिया गया है, जो 1 जुलाई 2023 से प्रभावी हो जाएगा.
इस बीच दोनों कंपनियों के ग्राहकों के मन में कई तरह के सवाल उमड़ रहे हैं. जैसे उसके बैंक अकाउंट का क्या होगा? एचडीएफसी Home loan पर क्या असर पड़ेगा? या फिर दोनों कंपनियों के शेयरों में किस तरह से बंटवारा होगा?
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ग्राहकों के साथ कर्मचारियों के मन में कई सवाल
दो कंपनियों के विलय के बाद कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं. तो इस बड़े मर्जर के बाद भी 1 जुलाई से कई चीजों में बड़े चेंज नजर आ सकते हैं.
इसी कड़ी में आगे हम बता कुछ ऐसे ही सवालों का जवाब दे रहे हैं, जो न केवल दोनों कंपनियों से जुड़े ग्राहकों पर क्या असर होगा, बल्कि इन कंपनियों के कर्मचारियों पर क्या प्रभाव देखने को मिलेगा?
सवाल-1 : क्या कर्मचारियों की सैलरी में कटौती होगी?
उत्तर- मंगलवार को एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी लिमिटेड के विलय की तारीख का ऐलान करते हुए HDFC Group के चेयरमैन दीपक पारिख ने कई बड़ी बातें कहीं. इनमें उन्होंने साफतौर पर कहा कि विलय के बाद बनने वाली नई इकाई में दोनों कंपनियों के किसी भी कर्मचारी का वेतन कतई कम नहीं किया जाएगा.
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सवाल-2 : क्या कर्मचारियों की जॉब पर कोई संकट आ सकता है?
उत्तर- कर्मचारियों पर होने वाले असर के संबंध में चेयरमैन दीपक पारिख ने कहा कि 60 वर्ष से कम आयु के प्रत्येक कर्मचारी को शामिल किया जाएगा. HDFC Bank को हमारे लोगों की जरूरत होगी.
सवाल-2 : HDFC बैंक में अकाउंट है तो क्या असर पड़ेगा?
उत्तर- बिल्कुल नहीं, दोनों कंपनियों के विलय के बाद भी अकाउंट होल्डर्स के वर्तमान में दी जाने वाली सभी सुविधाएं निरंतर जारी रहेंगी. इनमें कोई चेंज नहीं किया जाएगा. बैंक से पर्सनल लोन लेने ग्राहकों से लेकर अन्य अकाउंट होल्डर्स को पुरानी सभी सेवाएं मिलती रहेंगी.
सवाल-3 : अगर HDFC Ltd से होम लोन लिया है तो क्या होगा?
उत्तर- दीपक पारेख ने बताया कि HDFC बैंक के सभी ब्रांच में HDFC की सेवाएं मिलेंगी. अगर आपने एचडीएफसी से होम लोन लिया है, तो आप अब एचडीएफसी बैंक के ग्राहक बन जाएंगे. लोन लेने वाले ग्राहक मौजूदा Home Loan के नियम और शर्तों के आधार पर पहले की तरह ही अपनी EMI को चुकाते रहेंगे.
इसके अलावा एफडी कराने वालों को HDFC Bank की ओर से पहले की तरह ही सुविधाएं देने की बात कही जा रही है, लेकिन इस मामले में कुछ बदलाव भी देखने को मिल सकते हैं. दरअसल, एचडीएफसी बैंक और HDFC Ltd दोनों की ब्याज दरों में अंतर है.
बैंक जहां कम ब्याज दे रहा है, तो हाउसिंग फाइनेंस कंपनी ग्राहकों को ज्यादा ब्याज दे रही है. 12 से 120 महीनों के FD पर एचडीएफसी 6.56% से 7.21% ब्याज ऑफर करता है, जबकि बैंक 7 दिन से 10 साल के एफडी पर 3%-7.25% ब्याज देता है. हालांकि, इस संबंध में तस्वीर विलय के बाद साफ होगी.
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सवाल-4 : अगर HDFC बैंक का क्रेडिट कार्ड है तो क्या होगा?
उत्तर- गौरतलब है कि एचडीएफसी हाउसिंग फाइनेंस और एचडीएफसी बैंक का मर्जर कॉर्पोरेट सेक्टर में सबसे बड़ा विलय है. इसके बाद एचडीएफसी का कंबाइंड एसेट बेस 18 लाख करोड़ से ज्यादा का होगा. जैसा कि मैनेजमेंट की ओर से भरोसा दिलाया गया है कि सभी सेवाएं सुचारू रहेंगी, तो ऐसे में क्रेडिट कार्ड यूजर्स के लिए किसी भी तरह के बदलाव की संभावना भी कम नजर आ रही है.
सवाल-5 : अगर HDFC बैंक का अकाउंट नंबर और चेकबुक में बदलाव दिखेगा?
उत्तर- जैसा कि बताया गया कि मर्जर के बाद एचडीएफसी बैंक के अकाउंट होल्डर्स को पहले की तरह सुविधाएं मिलते रहने की बात कही गई है, यानी अकाउंट से संबंधित कोई बदलाव नहीं दिखेगा. ऐसे में चेकबुक में बदलाव की उम्मीद कम है, बहरहाल बैंक की ओर से इस संबंध में अभी स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है.
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सवाल-6 : मर्जर के बाद दोनों कंपनियों के निवेशकों का क्या होगा?
उत्तर- HDFC Bank-HDFC Ltd के शेयरों में निवेश करने वाले निवेशकों की बात करें, तो इस मर्जर के बाद एचडीएफसी बैंक में 100 फीसदी हिस्सेदारी सार्वजनिक शेयरधारकों की होगी और एचडीएफसी के मौजूदा शेयरधारकों के पास बैंक की 41 फीसदी हिस्सेदारी रहेगी. एचडीएफसी लिमिटेड के हर एक शेयरधारक को उनके प्रत्येक 25 शेयर के लिए एचडीएफसी बैंक के 42 शेयर मिलेंगे.
13 जुलाई से होगी स्टॉक डिलिस्टिंग
HDFC के चेयरमैन दीपक पारेख ने बताया कि एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी के बोर्ड मर्जर को मंजूरी देने के लिए 30 जून को बाजार बंद होने के बाद बैठक करेंगे.
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ग्रुप के वाइस वाइस-चेयरमैन और सीईओ केकी मिस्त्री के मुताबिक, एचडीएफसी स्टॉक डीलिस्टिंग (HDFC Stock Delisting) 13 जुलाई 2023 से प्रभावी होगी. इसका मतलब है कि 13 जुलाई को ग्रुप की हाउसिंग फाइनेंस फर्म के शेयर स्टॉक एक्सचेंज से हट जाएंगे.