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इन 6 जिलों में हो सकती है भारी बारिश, पानी भरने से हाईवे हो सकते है जाम

Weather Update: सावन के मौसम में गर्मी में मिली राहत परन्तु बारिश में हो रहा बहुत नुकसान, मौसम विभाग ने आज भी बारिश की अचानका बताई है कबि भी मौसम विगड़ सकता है 
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इन 6 जिलों में हो सकती है भारी बारिश, पानी भरने से हाईवे हो सकते है जाम

Old Coins Bazaar, New Delhi | Haryana Weather: उमस के असहनीय दौर के बाद एक बार फिर मानसून की सक्रियता (Monsoon active again) ने राहत दी है। अगस्त में पहली बार अच्छी बरसात की गतिविधियों की स्थिति बन रही है। शनिवार को तीज पर्व पर प्रदेश के कई हिस्सों में सुबह से ही बरसात शुरू हो गई। वहीं, बहादुरगढ़, रोहतक, फतेहाबाद, जींद, गुरुग्राम, हिसार में तेज बरसात से राहत के साथ-साथ जलभराव से परेशानी भी हुई।

विभिन्न क्षेत्रों में वर्षा का दौर देखने को मिलेगा:

गुरुग्राम में मूसलधार बरसात से दिल्ली-जयपुर हाईवे पर नरसिंहपुर के नजदीक पानी भरने से ट्रैफिक व्यवस्था प्रभावित हुई। वहीं, मौसम विभाग के अनुसार अब 22 अगस्त तक वर्तमान मौसमी प्रणाली के परिणामस्वरूप विभिन्न क्षेत्रों में वर्षा का दौर देखने को मिलेगा। 

मानसून एक्सिस का पूर्वी सिरा अब नीचे उतर रहा:

छत्तीसगढ़ व आसपास के क्षेत्रों पर इसके पहुंचने से जो सिस्टम बनेगा, उसके परिणामस्वरूप हिमालय के तलहटी वाले क्षेत्रों में मौजूद मानसून एक्सिस का पूर्वी सिरा अब नीचे उतर रहा है। एक्सिस का मध्य हिस्सा उत्तर प्रदेश-हरियाणा की तरफ पहाड़ों से नीचे आना शुरू होगा।

वर्तमान मौसमी गतिविधियों व मानसून की सक्रियता के चलते राज्य के पंचकूला, यमुनानगर, अम्बाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, पानीपत, जींद, रोहतक, झज्जर, सोनीपत, फरीदाबाद, पलवल, मेवात, रेवाड़ी और गुरुग्राम में बिखरी हुई हल्की से मध्यम वर्षा की स्थिति बनी है। जबकि सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, दादरी, महेंद्रगढ़ में मौसम लगभग साफ व आंशिक बादलों वाला बना रह सकता है।

बहादुरगढ़-गुरुग्राम में हालात बिगड़े:

फतेहाबाद में 14 एमएम बरसात से एक मजदूर के घर की छत गिर गई। हालांकि परिवार बाल बाल बच गया। बहादुरगढ़ में 58 एमएम बरसात से सड़क से लेकर थाना, अस्पताल परिसर तक जलमग्न हो गए। गुरुग्राम में मूसलधार बरसात से दिल्ली-जयपुर हाईवे पर नरसिंहपुर के नजदीक पानी भरने से कई वाहन फंस गए।

आगे ऐसा रहेगा मौसम:

20 अगस्त के बाद हरियाणा व पंजाब सहित उत्तरप्रदेश, पूर्वी मध्यप्रदेश में वर्षा गतिविधियां अपेक्षाकृत कम हो जाएंगी। वहीं दक्षिण-पूर्वी राजस्थान में इनमें हल्की बढ़ोतरी होगी। 22 अगस्त से मानसून एक्सिस अपने पुराने ठिकाने पहुंच जाएगी, जिससे पर्वतीय व तराई क्षेत्रों में भारी वर्षा का अनुमान है।

22 से 24 अगस्त के दौरान उत्तर हरियाणा सहित हिमाचल, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश की तराई बेल्ट में भारी वर्षा संभावित है। इसके बाद दोबारा शुष्क व गर्म दिनों की शुरुआत हो जाएगी। फिलहाल उत्तर और मध्य भारत में अच्छी वर्षा का अगला दौर सितंबर के पहले सप्ताह तक आने की उम्मीद है।

मौसम में गिरावट:

प्रदेश में शनिवार सुबह अचानक मौसम में परिवर्तन से तापमान में गिरावट दर्ज की गई। अधिकतम तापमान वर्षा के चलते पांच डिग्री से ज्यादा गिर गया। हिसार का अधिकतम तापमान 39 डिग्री को पार कर गया था। मगर शनिवार को हुई वर्षा से वह 33.8 डिग्री तक पहुंच गया। न्यूनतम तापमान भी 28 डिग्री दर्ज किया गया है।

जुलाई में प्रदेश में झमाझम बरसे अगस्त में रूठ गए थे मेघ:

राज्य में कुछ समय से मेघ रूठे हुए थे। जुलाई में राज्य के ज्यादातर हिस्सों में झमाझम वर्षा हुई थी। इसी की बदौलत एक जून से शुरू हुए मानसून सीजन के तहत अब तक सामान्य बरसात स्तर 294 एमएम से तुलना में राज्य में 351.6 एमएम बरसात हो चुकी है। यह सामान्य बरसात स्तर में लगभग 20 प्रतिशत की वृद्धि अवश्य है लेकिन अगस्त में बरसात न होने से चिंता जरूर बढ़ गई थी।

किसानों में खुशी:

धान की फसल में जहां सिंचाई की दरकार थी, वह पूरी हो गई। किसानों को राहत मिली। इस बरसात से धान उत्पादक किसानों को फायदा हुआ है। जहां पर भी सिंचाई की दरकार थी। वह पूरी हो गई है। धान के अलावा अन्य फसलों में भी किसानों का सिंचाई का खर्च बच गया है।

किसानों का कहना है यह वर्षा धान की फसलों के लिए रामबाण है। पछेती धान की फसलों में फुटाव होगा। जो धान पानी की कमी के चलते सुखने के कगार पर थी, वर्षा होने से वह दोबारा हरी हो गई। हालांकि कुछ स्थानों पर पहले से खेतों में पानी जमा है वहां पर जलभराव से मुसीबत बढ़ गई।