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Indian Railways : ट्रेन की बोगी और कोच में क्या होता है अंतर, 99 प्रतिशत लोग नहीं जानते है इसके बारे में

भारतीय रेल में आप लोगों ने सफर तो बहुत किया होगा। लेकिन क्या आपको पता है कि ट्रेन की बोगी और कोच में क्या अंतर होता है। इस बारे में ज्यादातर लोगों को नहीं पता होगा। तो चलिए  आज हम आपको बताते है...
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ट्रेन की बोगी और कोच में क्या होता है अंतर, 99 प्रतिशत लोग नहीं जानते है इसके बारे में

Old Coin Bazaar, Digital Desk, नई दिल्ली   आपने कई बार ट्रेन से यात्रा की होगी. उस दौरान अगर आपसे किसी ने पूछा होगा कि आप कहां बैठे हैं, तो आपने यकीनन यही कहा होगा कि मैं इस कोच में या फिर इस बोगी में बैठा हूं.

लेकिन क्या आपने कभी इस बात पर ध्यान दिया है, कि ट्रेन के जिस डिब्बे में आप सफर करते हैं, उसे कोच कहते हैं या बोगी. क्योंकि बता दें कि ये दोनों एक नहीं होते हैं.

इन दोनों में काफी अंतर होता है. अब आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा कि अगर ये दोनों अलग-अलग चीजें हैं, तो आज तक हम किसमें बैठकर सफर कर रहे थे.

हालांकि, आप परेशान ना हों, आज हम आपको इन दोनों के बीच का अंतर समझाते हैं.

तो इसे कहते हैं बोगी

दरअसल, जो लोग यह कहते हैं कि हम ट्रेन के इस बोगी में बैठे हैं, वो बिल्कुल गलत कहते हैं. क्योंकि आप ट्रेन की बोगी में बैठकर सफर कर ही नहीं सकते.

यह संभव ही नहीं है. क्योंकि बोगी ट्रेन के कोच का एक पार्ट होता है और पूरा कोच इस बोगी पर ही टिका होता है. बता दें कि ट्रेन के पहिये वाला हिस्सा बोगी कहलाता है.

इसमें चार पहिये एक साथ एक-दूसरे एक्सल के साथ जुड़े रहते हैं. एक कोच में दो बोगी होती है, जिसमें कुल 8 पहिये लगे होते हैं.

बोगी में ही फिट होते हैं ट्रेन के ब्रेक

इसके अलावा ट्रेन के ब्रेक भी बोगियों में ही फिट होते हैं. बोगी में लगे हर एक पहिये पर ब्रेक फिट होता है, ताकि जब ट्रेन में ब्रेक लगाया जाए, तो पूरी ट्रेन सामान रूप से रुक जाए.

वहीं, ट्रेन में किसी भी तरह से झटके ना लगें, इसलिए बोगियों में स्प्रिंग भी फिट किए जाते हैं. बता दें कि एक बोगी में 4 से 6 स्प्रिंग फिट होते हैं और इनकी मोटाई भी काफी होती है, ताकि ट्रेन तेज रफ्तार में भी बड़े झटकों को आसानी से झेल सके.

जानें किसे कहते हैं कोच

वहीं आप ट्रेन के जिस डिब्बे में बैठकर यात्रा करते हैं, उसे कार या कोच कहा जाता है. इनमें अलग-अलग क्लास होते हैं, जिनमें यात्रियों को एसी और नॉन एसी की सुविधा दी जाती है.

इन कोच में यात्रियों से उसकी कैटेगरी के हिसाब से ही किराया वसूला जाता है.