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Meeting: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रमुखों के साथ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करेगी बैठक, ये रहेंगे खास मुद्दे

सूत्रों के अनुसार वित्तीय प्रदर्शन के अलावा बैठक में विभिन्न सरकारी योजनाओं के लिये निर्धारित लक्ष्यों की दिशा में हुई प्रगति का भी जायजा लिया जाएगा. इन योजनाओं में किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी), स्टैंड अप इंडिया, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और कोविड 19 महामारी से प्रभावित उद्यमों की मदद के लिये शुरू आपातकालीन ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) शामिल हैं. 
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सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रमुखों के साथ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करेगी बैठक
Old Coin Bazaar, Digital Desk, Delhi: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala sitharaman) गुरुवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक प्रमुखों के साथ बैठक करेंगी और उनके वित्तीय प्रदर्शन की समीक्षा करेंगी. 
यह वित्त वर्ष 2022 23 के वित्तीय परिणाम आने के बाद पहली समीक्षा बैठक है. पिछले वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का लाभ रिकॉर्ड 1.04 लाख करोड़ रुपये रहा. कुल लाभ में देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई की हिस्सेदारी लगभग आधी रही.
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सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को वित्त वर्ष 2017 18 में 85,390 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था. वहीं वर्ष 2022 23 में उनका लाभ 1,04,649 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.

इन मुद्दों पर होगी चर्चा

सूत्रों के अनुसार वित्तीय प्रदर्शन के अलावा बैठक में विभिन्न सरकारी योजनाओं के लिये निर्धारित लक्ष्यों की दिशा में हुई प्रगति का भी जायजा लिया जाएगा. 

इन योजनाओं में किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी), स्टैंड अप इंडिया, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और कोविड 19 महामारी से प्रभावित उद्यमों की मदद के लिये शुरू आपातकालीन ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) शामिल हैं. बैंकों के प्रमुख वित्त मंत्री को चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के प्रदर्शन से भी अवगत कराएंगे.

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NPA और उसकी वसूली स्थिति की भी होगी समीक्षा

सूत्रों के मुताबिक, सीतारमण बैंकों से उत्पादक क्षेत्रों को कर्ज समेत बजट में चिन्हित क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने के लिये कह सकती हैं. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री अगले वित्त वर्ष के लिये बैंकों की कर्ज वृद्धि, संपत्ति गुणवत्ता और पूंजी जुटाने तथा कारोबार बढ़ाने की योजना की भी समीक्षा करेंगी. 

इसके अलावा, गैर निष्पादित संपत्ति (एनपीए) और उसकी वसूली की स्थिति की भी समीक्षा की जाएगी. हाल में जारी वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट के अनुसार बैंकों का सकल गैर निष्पादित परिसंपत्ति यानी फंसा कर्ज इस साल मार्च में घटकर 10 साल के निचले स्तर 3.9 प्रतिशत पर आ गया.