Paddy: किसान धान की खेती को छोड़ करें कोई दूसरी खेती, सरकार देगी प्रति एकड़ 7 हजार रुपए, जानिए कैसे

Old Coin Bazaar, Digital Desk, Delhi: हरियाणा एक कृषि प्रधान राज्य है. यहां पर किसान धान, गेहूं, मक्का, सरसों, चना, गन्ना और हरी मटर के साथ- साथ कई तरह की फसलों की खेती करते हैं.
लेकिन, सबसे ज्यादा सिंचाई की जरूरत धान की खेती में होती है. ऐसे में धान की खेती के ऊपर हरियाणा में करोड़ों लीटर पानी का दोहन हो रहा है.
इससे प्रदेश में ग्राउंड वाटर लेवल बहुत नीचे चला गया है, जो सरकार के लिए चिंता का विषय बन गया है. यही वजह है कि हरियाणा सरकार ने इस खरीफ सीजन में धान के बजाए दूसरी फसलों की बुवाई करने के लिए किसानों से अपील की है. इसके लिए किसानों को सहायता राशि दी जाएगी.
खास बात यह है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सरकार इसके लिए प्रदेश में मेरा पानी मेरी विरासत नाम से एक योजना चला रही है. इस योजना के तहत प्रदेश में पानी को बचाने के लिए मुहिम चलाई जा रही है. हरियाणा सरकार का मानना है कि धान की खेती में बहुत अधिक पानी की बर्बादी हो रही है.
ऐसे में अगर किसान भाई धान की जगह दूसरी फसल की खेती करते हैं, तो पानी के दोहन को कम किया जा सकता है. ऐसे भी बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ के मुकाबले हरियाणा में किसान ट्यूबवेल से अधिक सिंचाई करते हैं.
इससे भूजल स्तर बहुत नीचे चला गया है. ऐसे में आने वाले वर्षों में जल संकट खड़ा हो सकता है. यही वजह है कि हरियाणा गवर्नमेंट मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत जल संरक्षण का कार्यक्रम चला रही है.
हरियाणा प्रदेश के सारे किसान अब मेरा पानी मेरी विरासत के लिए आवेदन कर सकते हैं। कृषि तथा किसान कल्याण विभाग के निर्देशानुसार किसान https://t.co/Y55VKZPWQi पर 31.07.2023 तक पंजीकरण कर सकते हैं। pic.twitter.com/qIDAfJHTW4
रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीक 31 जुलाई है
अगर किसान भाई मेरा पानी मेरी विरासत योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो हरियाणा सरकार की आधिकारिक साइट http://fasal.haryana.gov.in पर जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं.
रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीक 31 जुलाई है. दरअसल, हरियाणा गवर्नमेंट मेरा पानी मेरी विरासत के तहत पानी बचाने के लिए फसल विधिकरण का बढ़ावा दे रही है. वह धान की जगह दूसरे फसलों की खेती करने के लिए किसानों से अपील कर रही है.
टोल फ्री नंबर 01800-180- 211 पर भी कॉल कर सकते हैं
सरकार ने ऐलान किया है कि धान की जगह दूसरी फसल की खेती करने पर 7000 रुपये प्रति एकड़ की दर से किसानों को सहायता राशि दी जाएगी.
खास बात यह है कि अगर किसान भाई खेत को खाली रखते हैं, यानी उसमें किसी भी तरह की फसल नहीं लगाएंगे, तो भी उन्हें यह लाभ मिलेगा. अगर किसान भाई अधिक जानकारी लेना चाहते हैं, तो टोल फ्री नंबर 01800-180- 211 पर भी कॉल कर सकते हैं.