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RBI : बैंक अकाउंट में सिक्के रखने की नई सीमा तय, जानें RBI के नियम

सिक्के भारतीय करेंसी का अहम हिस्सा है रोजमर्रा की जिंदगी में इनका काफी ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. हाल ही में आरबीआई ने अकाउंट में सिक्के रखने की लिमिट जारी की है चलिए जानते हैं इस खबर को विस्तार से..
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बैंक अकाउंट में सिक्के रखने की नई सीमा तय

Old Coins Bazaar, Digital Desk Delhi  मौजूदा डिजिटल के दौर में लोगों के हाथों में सिक्के बेहद कम ही नजर आते हैं. लेकिन आज भी जब वो किसी की जेब से गिरते हैं, तो उनकी खनकती आवाज सभी की ध्यान अपनी तरफ खींच ही लेती है.

लेकिन क्या आपको पता है कि आप अपने बैंक अकाउंट (Bank Account) में कितनी राशि तक के सिक्के जमा कर सकते हैं. रिजर्व बैंक के नियम इस संबंध में क्या कहते हैं जान लीजिए.

कितने रुपये के सिक्के चलन में हैं?

देश में करेंसी जारी करने की जिम्मेदारी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के ऊपर है. वर्तमान में देश में  एक रुपये, दो रुपये, पांच रुपये, दस रुपये तथा बीस रुपये के सिक्के जारी किए जा रहे हैं. सिक्‍का निर्माण अधिनियम 2011 के तहत 1000 रुपये तक के मूल्यवर्ग के सिक्के जारी किए जा सकते हैं.

सिक्‍का निर्माण अधिनियम

सिक्‍का निर्माण अधिनियम 2011 के तहत भारत सरकार द्वारा ढाले गए तथा समय-समय पर भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा संचलन के लिए जारी अन्य सभी मूल्यवर्गों के विभिन्न आकार, विषय-वस्तु (थीम) तथा रूपरेखा (डिजाइन) के सिक्के वैध मुद्रा के रूप में जारी हैं. 

खाते में कितने रुपये के सिक्के जमा कर सकते हैं?

अब आते हैं कि अपने बैंक खाते में आप कितनी राशि तक के सिक्के जमा कर सकते हैं. इस संबंध में रिजर्व बैंक कहता है कि बैंकों में ग्राहकों द्वारा सिक्के जमा करवाने के लिए कोई सीमा निर्धारित नहीं है.

बैंक अपने ग्राहकों से कितनी भी राशि के सिक्के स्वीकार करने के लिए स्वतंत्र हैं. इसका मतलब ये है कि आप सिक्के के रूप में कितनी भी राशि अपने बैंक खाते में जमा कर सकते हैं. 

 कौन तय करता है डिजाइन?

रिजर्व बैंक से सालाना आधार पर प्राप्त होने वाले मांगपत्र (इंडेंट) के आधार पर ढाले जाने वाले सिक्कों की मात्रा भारत सरकार तय करती है. इसके अलावा अलग-अलग मूल्य के सिक्कों की ढलाई और रूपरेखा (डिजाइन) तैयार करने की जिम्मेदारी भी भारत सरकार पर है. 

बदल सकते हैं सिक्के

अगर आप सिक्के बदलना चाहते हैं, तो किसी भी बैंक की शाखा में इसे बदल सकते हैं. रिजर्व बैंक के अनुसार, जनता भी बिना किसी झिझक के सभी सिक्कों को उनके सभी लेन-देन में वैध मुद्रा के रूप में स्वीकार करना जारी रख सकती है.