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Rent News: मकान मालिक ने लिया किराया तो पुलिस ने किया गिरफ्तार, कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये गलती

आज हम आपको झारखंड का एक मामला बताने वाले हैं। जहां एक मकान मालिक को रेंटर से किराया लेना काफी भारी पड़ गया है। पुलिस ने मकान मालिक को गिरफ्तार कर लिया है। तो चलिए जानते हैं पूरा मामला...
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मकान मालिक ने लिया किराया तो पुलिस ने किया गिरफ्तार, कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये गलती

Old Coins Bazaar, New Delhi अगर आप भी किसी अनजान शख्स से ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर ले रहे हैं तो जरा सतर्क हो जाएं, क्योंकि पता नहीं आपका खाता भी क्या पता फ्रिज हो जाये. ऐसा ही कुछ मामला झारखंड से आया है, जहां किरायेदार से किराया लेना मकान मालिक को महंगा पड़ गया और मकान मालिक का बैंक अकाउंट ही फ्रिज हो गया.

जिसके बाद मामले की शिकायत पुलिस से की गई और जब जांच हुई तो पता चला मकान मालिक को किराया देने वाला किराएदार और कोई नहीं बल्कि एक शातिर अपराधी है, जिसने न सिर्फ झारखंड बल्कि दूसरे राज्यों के साथ गुजरात के सूरत के व्यवसायी को भी अपना शिकार बनाया था.

गोंदा थाना क्षेत्र की रहने वाली महिला गीता देवी ने एक आवेदन गोंदा थाने मे दिया और अपने बेटे के  बैंक अकाउंट फ्रिज होने की जानकारी साइबर सेल को दी जिसके बाद साइबर सेल ने जब इस मामले का अनुसंधान किया तो कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए. 

किरायेदार ब्रह्मदेव पासवान और सोनू कुमार जो गिरिडीह के रहने वाले हैं और वर्तमान मे रांची के गोंदा थाना क्षेत्र स्थित गीता देवी के मकान में रहते थे, उसी ने किराये की राशि का ऑनलाइन भुगतान किया था लेकिन दोनों शातिर साइबर अपराधी थे और उनके ऊपर सूरत के साइबर सेल मे भी शिकायत की गई थी और इसी कारण मनी ट्रेल के कारण गीता देवी का अकाउंट फ्रिज किया गया था.

आरोपियों के खिलाफ सूरत के टेक्सटाइल व्यवसायी के द्वारा शिकायत दर्ज करार गई थी और उसी कारण NCRP ने रिपोर्ट दर्ज होने के बाद मनी ट्रेल हुए सभी खातों को फ्रिज किया था, जिस कारण ही गीता देवी के बेटे का अकाउंट फ्रिज किया गया था. 

मामले की जानकारी देते हुए साइबर डीएसपी यशोधरा ने बताया कि आरोपियों के पास से 01 लाख 95 हजार रूपए कैश, बैंक चेक बुक 12 पीस, 34 डेबिट कार्ड, एक लैपटॉप, 08 मोबाइल, सीम कार्ड 08, 12 फर्जी आधार कार्ड और 02 पैन कार्ड बरामद हुए हैं.

बता दें कि साइबर अपराधियों ने 7 हजार रूपए मकान मालिक के खाते में ट्रांसफर किए थे और इसी कारण ही उनका अकाउंट फ्रिज किया गया. मामले में पुलिस को अनुसंधान में ये जानकारी भी मिली है कि इन साइबर अपराधियों की एक बैंक के कर्मी से भी सांठगांठ थी और उसी के माध्यम से साइबर अपराधी बैंक खाते खुलवाते थे.