सैलरी में कटने वाले PF पर देना होगा टैक्स, ITR में भरनी पड़ेगी ये डिटेल

Old Coin Bazaar, Digital Desk, नई दिल्ली सरकारी हों या प्राइवेट सेक्टर के, जिन कर्मचारियों का एनपीएस (NPS) नहीं कटता उन्हें भविष्य निधि (PF) में अंशदान करना होता है.
कर्मचारी के सैलरी का 12 फीसदी हिस्सा पीएफ में डाला जाता है, जबकि एम्प्लॉयर भी अपनी तरफ से 12 फीसदी राशि भविष्य निधि खाते में डालता है. इस तरह, कर्मचारी के सैलरी में से 24 फीसदी अंशदान पीएफ में किया जाता है.
यह पूरा पैसा भी सैलरी का ही हिस्सा है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या आपके इस अंशदान पर भी टैक्स देना पड़ेगा, क्योंकि देखा जाए तो यह एक तरह से आपकी कमाई का ही हिस्सा है.
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इस बारे में जब टैक्स एक्सपर्ट बलवंत जैन से बात की तो उन्होंने सभी सवालों के सिलसिलेवार जवाब दिए. टैक्स एक्सपर्ट ने बताया कि यह पूरी तरह सच है कि पीएफ का अंशदान भी कर्मचारी के सैलरी का ही हिस्सा होता है.
ज्यादातर कंपनियां कर्मचारी के सीटीसी में पीएफ अंशदान की राशि भी लिखकर देती हैं. लेकिन, कर्मचारियों के भविष्य के हितों की रक्षा के लिए सरकार इस अंशदान को टैक्स के दायरे से बाहर रखती है.
यानी आपकी सैलरी से काटा गया पीएफ का हिस्सा इनकम टैक्स के दायरे से बाहर रहता है. इस पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगता है.
एक कंडीशन में देना होगा टैक्स
बलवंत जैन का कहना है कि वैसे तो पीएफ कंट्रीब्यूशन पर इनकम टैक्स विभाग कोई कर नहीं लेता है, लेकिन पिछले बजट में कुछ नियम बदल गए हैं.
अब एक ऐसी कंडीशन बना दी गई जिसके तहत पीएफ में जमा राशि पर तो नहीं लेकिन उस पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स देना पड़ता है.
बजट के अनुसार, अगर पीएफ में अंशदान सालाना 2.5 लाख रुपये से ज्यादा होगा तो इसके ब्याज पर टैक्स देना ही पड़ेगा.
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कैसे लगता है ब्याज पर टैक्स
दरअसल, 2.5 लाख रुपये कर्मचारी की ओर से और 2.5 लाख रुपये एम्प्लॉयर की ओर से पीएफ में डाला जाएगा तो टैक्स नहीं लगेगा.
लेकिन, यह राशि जैसे ही कुल मिलाकर 5 लाख रुपये से ज्यादा होगी, उसके ब्याज पर टैक्स लगना शुरू हो जाएगा. यह टैक्स एम्प्लॉयी के स्लैब के हिसाब से देना होगा.
इसका मतलब है कि जितना ज्यादा स्लैब वाला कर्मचारी होगा, उसे पीएफ पर मिले ब्याज पर उतना ही ज्यादा टैक्स भी चुकाना होगा.
क्या आईटीआर में बताना होगा
इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) के फॉर्म में वैसे तो इस बार कई बदलाव किए गए हैं और एक-एक रुपये की कमाई की जानकारी मांगी गई है. लेकिन, इसमें पीएफ अंशदान को लेकर कुछ भी नहीं मांगा गया है.
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जाहिर है कि आपके पीएफ अंशदान को लेकर इनकम टैक्स विभाग की ओर से कोई जानकारी नहीं मांगी गई है. पीएफ में कर्मचारी के खाते से काटी गई राशि और नियोक्ता की ओर से जमा की गई राशि,
दोनों ही टैक्स के दायरे से पूरी तरह बाहर रहती है. हालांकि, अगर पीएफ में टोटल कंट्रीब्यूशन 5 लाख से ज्यादा है और इसके ब्याज पर टैक्स लगता है तो इसकी जानकारी निश्चित तौर से आईटीआर में देनी होगी.