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पराली से लोग हुए परेशान, सांस लेना मुश्किल

दिल्ली-एनसीआर में प्रदुषण बहुत है, लेकिन अब पराली जलाने की घटनाएं बढ़ती जा रही है। जिस से वातावरण में धुआं अधिक मात्रा में हो रहा है, लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया है, जाने पूरी ख़बर विस्तार से..
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पराली से लोग हुए परेशान, सांस लेना मुश्किल

Old Coins Bazaar,Haryana News: पराली से घुटने लगा दम! हर दिन 160 घटनाएं, पिछले साल से भी बदतर हुए हालात
अक्टूबर की शुरुआत से पराली जलाने की घटनाएं बेतहाशा बढ़ी हैं.
इस बार हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में बेतहाशा इजाफा देखने को मिला है. पंजाब भी पीछे नहीं है.

अक्टूबर की शुरुआत से अब तक पिछले 15 दिनों में, उत्तर पश्चिम भारत के 6 राज्यों से हर दिन पराली जलाने की कम से कम 160 घटनाएं सामने आई हैं. जबकि अभी धान कटाई का पूरा सीजन बाकी है. पराली से निपटने के लिए तमाम परियोजनाओं के बावजूद पंजाब और हरियाणा दो ऐसे राज्य हैं जहां से अकेले 70% घटनाएं सामने आ रही हैं. इससे दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में प्रदूषण की समस्या भी बढ़ रही है.

NGT की रोक का कोई असर नहीं
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने पराली जलाने पर पूरी तरह रोक लगा रखी है. इसके बावजूद इस सीजन की शुरुआत से धड़ल्ले से पराली जलाई जा रही है. जिसका असर दिल्ली की हवा पर दिख रहा है. बीते 14 अक्टूबर को दिल्ली एनसीआर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) गिरकर 257 तक पहुंच गया था, जो बहुत खराब श्रेणी में आता है.

हालांकि 15 अक्टूबर को थोड़ा सुधार हुआ. लेकिन आने वाले दिनों में एयर क्वालिटी इंडेक्स और गिरने की आशंका है. मौसम विभाग के मुताबिक अभी इस मंगलवार (17 अक्टूबर) तक एयर क्वालिटी इंडेक्स सामान्य रह सकता है. उसके बाद हवा की गुणवत्ता बिगड़ेगी.

82 फीसदी बढ़ीं घटनाएं
सितंबर के दूसरे हफ्ते के बाद जब धान कटाई का सीजन शुरू हुआ, तब से 15 अक्टूबर तक रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट्स में पराली जलाने की 2,791 घटनाएं कैद हो चुकी हैं. जो पिछले साल इसी अवधि के  मुकाबले 82 फीसदी ज्यादा हैं. पिछले साल इसी अवधि में इस तरह की 1528 घटनाएं सामने आई थीं.

इस बार बीजेपी शासित हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में बेतहाशा इजाफा हुआ है. पिछले साल इसी अवधि की 168 घटनाओं के मुकाबले अबतक 542 घटनाएं सामने आ चुकी हैं. हरियाणा के दो जिले- अंबाला और फतेहाबाद में सर्वाधिक पराली जलाने के केसेज आए हैं.

पंजाब टॉप पर
उधर, पंजाब में भी पराली पर पर लगाम नहीं लग पा रहा है. राज्य की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने पिछले साल वादा किया था कि वह पराली जलाने की घटनाओं पर 50 फ़ीसदी तक कम करेगी, लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिल पाई है. पराले के सर्वाधिक केस पंजाब कसे ही हैं. अमृतसर ऐसा जिला है जहां से सबसे ज्यादा परली जलाई जा रही है. इसके बाद तरन तारन ( Tarn Taran) और पटियाला (Patiala) हैं.